ABOUT SIDH KUNJIKA

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सां सीं सूं सप्तशती देव्या मन्त्रसिद्धिं कुरुष्व मे ॥ १३ ॥

धिजाग्रं धिजाग्रं त्रोटय त्रोटय दीप्तं कुरु कुरु स्वाहा ॥ १२ ॥

Kunjika Strotam includes enormous energy, and it may possibly entirely alter the life of more info a person who chants it with total devotion.

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति प्रथमोऽध्यायः

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति सप्तमोऽध्यायः

देवी वैभवाश्चर्य अष्टोत्तर शत नामावलि

चाय वाले को बनाया पिता और टेस्ट ड्राइव के बहाने उड़ाई बाइक, आगरा में शातिर चोर का गजब कारनामा

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति चतुर्थोऽध्यायः

इस पाठ के करने से अष्टसिद्धियां प्राप्त होती हैं.

विच्चे चा ऽभयदा नित्यं, नमस्ते मन्त्ररूपिणि।।

दकारादि दुर्गा अष्टोत्तर शत नामावलि

ज्वालय ज्वालय ज्वल ज्वल प्रज्वल प्रज्वल

दकारादि दुर्गा अष्टोत्तर शत नामावलि

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